यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (CSE) देश की सबसे प्रतिष्ठित और चुनौतीपूर्ण परीक्षाओं में से एक है। लाखों उम्मीदवार हर साल इस परीक्षा में अपना भाग्य आजमाते हैं। इस कठिन यात्रा का पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम है, परीक्षा के पाठ्यक्रम को गहराई से समझना। विशेष रूप से, यूपीएससी प्रीलिम्स 2025 की तैयारी कर रहे हिंदी माध्यम के छात्रों के लिए, यह लेख विस्तृत और स्पष्ट जानकारी प्रदान करेगा। यहां आपको यूपीएससी प्रीलिम्स 2025 का पूरा सिलेबस हिंदी में मिलेगा, जिसमें विषयवार विस्तृत जानकारी शामिल है। यह जानकारी आपकी तैयारी को एक नई और सही दिशा देने में सहायक होगी।
यूपीएससी प्रीलिम्स 2025: एक अवलोकन
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2025 में दो पेपर शामिल होते हैं। प्रत्येक पेपर 200 अंकों का होता है। यह परीक्षा उम्मीदवारों की बुनियादी समझ, विश्लेषणात्मक क्षमता और सोचने की शक्ति का आकलन करती है। मुख्य परीक्षा में बैठने के लिए प्रारंभिक परीक्षा को पास करना अनिवार्य है।
यूपीएससी प्रीलिम्स के ये दो पेपर इस प्रकार हैं:
- पेपर 1: सामान्य अध्ययन पेपर 1 (GS 1)
- पेपर 2: सामान्य अध्ययन पेपर 2 (GS 2) – CSAT (सिविल सेवा योग्यता परीक्षा)
दोनों पेपर वस्तुनिष्ठ प्रकार (बहुविकल्पीय प्रश्न) के होते हैं। परीक्षा में नकारात्मक अंकन (negative marking) भी होता है, इसलिए सावधानीपूर्वक उत्तर देना महत्वपूर्ण है। हिंदी माध्यम के छात्रों के लिए UPSC सिलेबस हिंदी में समझना उनकी सफलता की नींव रखता है।
विस्तृत यूपीएससी प्रीलिम्स 2025 सिलेबस (हिंदी माध्यम)
यूपीएससी प्रीलिम्स परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रत्येक विषय के महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान देना आवश्यक है। यहां हम दोनों पेपरों के लिए विषयवार प्रमुख अंशों को विस्तार से समझेंगे।
पेपर 1 (GS 1) – विषयवार प्रमुख अंश
सामान्य अध्ययन पेपर 1 का उद्देश्य उम्मीदवारों के सामान्य ज्ञान और समसामयिक घटनाओं की समझ का परीक्षण करना है। इसमें विभिन्न विषयों से प्रश्न पूछे जाते हैं। आइए, इसके प्रत्येक खंड को गहराई से देखते हैं:
1. भारतीय इतिहास
भारतीय इतिहास का खंड काफी व्यापक है। इसमें प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक इतिहास के महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया गया है।
- प्राचीन इतिहास: इस भाग में हड़प्पा सभ्यता, वैदिक काल, महाजनपद, मौर्य और गुप्त साम्राज्य, दक्षिण भारत के प्रमुख राजवंश, बौद्ध धर्म और जैन धर्म जैसी महत्वपूर्ण घटनाओं पर ध्यान केंद्रित करना होता है। कला, संस्कृति और सामाजिक-आर्थिक जीवन के पहलुओं को समझना आवश्यक है।
- मध्यकालीन इतिहास: दिल्ली सल्तनत, मुगल साम्राज्य, विजयनगर साम्राज्य, भक्ति और सूफी आंदोलन, और विभिन्न क्षेत्रीय शक्तियों का उदय इस खंड के मुख्य विषय हैं। प्रशासन, कला और वास्तुकला के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
- आधुनिक इतिहास: 18वीं सदी से लेकर वर्तमान तक की घटनाओं का अध्ययन किया जाता है। इसमें ब्रिटिश शासन का विस्तार, 1857 का विद्रोह, स्वतंत्रता संग्राम, प्रमुख व्यक्तित्व और उनके योगदान, गांधीवादी आंदोलन, और भारत के विभाजन के महत्वपूर्ण पहलू शामिल हैं। यह खंड अक्सर प्रीलिम्स में अधिक प्रश्न पूछता है।
इतिहास के लिए, अवधारणाओं और प्रमुख तिथियों को याद रखना महत्वपूर्ण है। विभिन्न वजीराम एंड रवि यूपीएससी सिलेबस जैसे संसाधनों पर भी आप अधिक जानकारी पा सकते हैं।
2. भारतीय और विश्व भूगोल
भूगोल खंड में भू-आकृतिक, प्राकृतिक और सामाजिक भूगोल के पहलुओं पर प्रश्न पूछे जाते हैं। यह पृथ्वी, इसके पर्यावरण और मानव गतिविधियों के बीच के संबंधों को समझने में मदद करता है।
- भू-आकृतिक भूगोल: इसमें पृथ्वी की आंतरिक संरचना, भूकंप, ज्वालामुखी, चट्टानें, भू-आकृतियां (पर्वत, पठार, मैदान), और जलवायवीय क्षेत्र शामिल हैं। भारतीय उपमहाद्वीप की विशिष्ट भू-आकृतियों को समझना महत्वपूर्ण है।
- प्राकृतिक भूगोल: भारत और विश्व की जलवायु, मृदा के प्रकार, वनस्पति, खनिज संसाधन, और जल संसाधन इसमें आते हैं। मानसून प्रणाली, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और प्राकृतिक आपदाओं पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
- सामाजिक भूगोल: जनसंख्या वितरण, प्रवास, मानव बस्तियां, और शहरीकरण जैसे विषय इस खंड का हिस्सा हैं। आर्थिक भूगोल में कृषि, उद्योग, परिवहन और व्यापार के पैटर्न को समझना आवश्यक है।
नक्शे (मैप) के माध्यम से अध्ययन इस खंड को समझने में बहुत प्रभावी होता है। आप करियर 360 पर यूपीएससी सिलेबस की विस्तृत जानकारी भी देख सकते हैं।
3. भारतीय राजनीति और संविधान
यह खंड शासन, राजनीति और संविधान की मूल बातों पर केंद्रित है। इसमें भारत के राजनीतिक और संवैधानिक ढांचे की गहरी समझ का परीक्षण किया जाता है।
- भारतीय संविधान: संविधान का निर्माण, प्रमुख विशेषताएं, प्रस्तावना, मौलिक अधिकार, राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत (DPSP), मौलिक कर्तव्य, और संविधान संशोधन प्रक्रिया।
- शासन प्रणाली: संघीय ढांचा, केंद्र-राज्य संबंध, संसद और राज्य विधायिका की कार्यप्रणाली, न्यायपालिका (सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय), पंचायती राज और नगरपालिकाएं।
- राजनीतिक प्रणाली: चुनाव, राजनीतिक दल, दबाव समूह, लोकनीति, और शासन के विभिन्न आयाम। यह खंड भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था और उसके कामकाज को समझने के लिए महत्वपूर्ण है।
संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों और उनके महत्व को याद रखना आवश्यक है। उदाहरण के लिए, मौलिक अधिकारों से संबंधित अनुच्छेद अक्सर परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। यह खंड स्थिर (static) होने के साथ-साथ समसामयिक घटनाओं से भी जुड़ा रहता है।
4. अर्थव्यवस्था
अर्थव्यवस्था खंड में भारतीय आर्थिक विकास के बेसिक कॉन्सेप्ट्स और समसामयिक आर्थिक मुद्दों पर प्रश्न होते हैं। यह उम्मीदवारों की आर्थिक नीतियों और सिद्धांतों की समझ का आकलन करता है।
- बुनियादी अवधारणाएं: राष्ट्रीय आय (GDP, GNP), मुद्रास्फीति, बेरोजगारी, गरीबी, राजकोषीय नीति, मौद्रिक नीति, और बैंकिंग प्रणाली।
- भारतीय अर्थव्यवस्था: कृषि क्षेत्र, औद्योगिक क्षेत्र, सेवा क्षेत्र, आर्थिक सुधार, बजट, कर प्रणाली, और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार।
- विकास के मुद्दे: समावेशी विकास, सतत विकास, मानव विकास, और विभिन्न सरकारी योजनाएं।
यह खंड अक्सर समसामयिक आर्थिक घटनाओं और सरकारी रिपोर्टों से जुड़ा होता है। केंद्रीय बजट, आर्थिक सर्वेक्षण और महत्वपूर्ण सरकारी योजनाओं को समझना महत्वपूर्ण है। आईएएस परीक्षा के लिए यूपीएससी सिलेबस में अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।
5. पर्यावरण और पारिस्थितिकी
पर्यावरण संरक्षण, जैव विविधता और जलवायु परिवर्तन से संबंधित मुद्दों पर यह खंड केंद्रित होता है। यह विषय हाल के वर्षों में अत्यंत महत्वपूर्ण हो गया है।
- पर्यावरण संरक्षण: पर्यावरण प्रदूषण (वायु, जल, मृदा, ध्वनि), ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, पर्यावरणीय प्रभाव आकलन (EIA), और विभिन्न संरक्षण पहलें।
- जैव विविधता: जैव विविधता के प्रकार, इसका महत्व, भारत में जैव विविधता हॉटस्पॉट, संकटापन्न प्रजातियां, राष्ट्रीय उद्यान, वन्यजीव अभयारण्य और जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र।
- जलवायु परिवर्तन: जलवायु परिवर्तन के कारण और प्रभाव, वैश्विक तापन, ओजोन परत का क्षरण, अंतर्राष्ट्रीय समझौते (जैसे COP, पेरिस समझौता), और भारत की जलवायु परिवर्तन नीतियां।
यह खंड विज्ञान, भूगोल और समसामयिक घटनाओं का एक मिश्रण है। पर्यावरण संबंधी संगठनों और रिपोर्टों पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
6. सामयिकी घटनाएं (Current Affairs)
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण समसामयिक घटनाएं इस खंड का केंद्र होती हैं। यह प्रीलिम्स के लिए सबसे गतिशील और महत्वपूर्ण खंडों में से एक है।
- राष्ट्रीय महत्व की घटनाएं: सरकारी नीतियां और योजनाएं, महत्वपूर्ण विधेयक और अधिनियम, सर्वोच्च न्यायालय के महत्वपूर्ण निर्णय, प्रमुख सरकारी रिपोर्टें, और राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित मुद्दे।
- अंतरराष्ट्रीय महत्व की घटनाएं: प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय संबंध, वैश्विक संगठन (जैसे संयुक्त राष्ट्र, विश्व बैंक, IMF), अंतर्राष्ट्रीय संधियां, और वैश्विक महत्व के घटनाक्रम।
- खेल, पुरस्कार और व्यक्तित्व: महत्वपूर्ण खेल आयोजन, प्रमुख राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार, और चर्चित व्यक्तित्व।
सामयिकी घटनाओं की तैयारी के लिए दैनिक समाचार पत्र, मासिक पत्रिकाएं और विश्वसनीय ऑनलाइन स्रोत बहुत महत्वपूर्ण हैं। यह खंड उम्मीदवारों की जागरूकता और विश्लेषणात्मक कौशल का परीक्षण करता है। यह ऐसा हिस्सा है जो अक्सर पीडब्ल्यू लाइव पर यूपीएससी पाठ्यक्रम में भी महत्वपूर्ण बताया जाता है।
7. संस्कृति
भारतीय संस्कृति के मुख्य तत्व और धरोहर इस खंड में शामिल हैं। इसमें कला, साहित्य, वास्तुकला और धर्म के प्रमुख पहलू आते हैं।
- कला और वास्तुकला: प्राचीन और मध्यकालीन भारत की वास्तुकला (मंदिर, गुफाएं, स्तूप), मूर्तिकला, चित्रकला और अन्य कला रूप।
- साहित्य: विभिन्न कालों के प्रमुख साहित्यिक कार्य और उनके लेखक।
- धर्म और दर्शन: भारत के प्रमुख धर्मों (हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म, सिख धर्म, इस्लाम) के मूल सिद्धांत और दार्शनिक विचार।
- प्रदर्शन कलाएं: शास्त्रीय नृत्य, लोक नृत्य, संगीत और रंगमंच।
यह खंड आपकी सांस्कृतिक विरासत की समझ को बढ़ाता है। यह अक्सर इतिहास के साथ जुड़ा हुआ होता है।
8. सामाजिक न्याय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थान
सामाजिक मुद्दे और विश्व संगठन इस खंड का हिस्सा हैं। यह भारत के सामाजिक ताने-बाने और वैश्विक मंच पर उसकी भूमिका को समझने में मदद करता है।
- सामाजिक न्याय: गरीबी, शिक्षा, स्वास्थ्य, लैंगिक समानता, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य कमजोर वर्गों से संबंधित मुद्दे। सरकारी नीतियां और कार्यक्रम जो सामाजिक न्याय को बढ़ावा देते हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय संस्थान: संयुक्त राष्ट्र, विश्व बैंक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), विश्व व्यापार संगठन (WTO) और अन्य क्षेत्रीय संगठनों (जैसे आसियान, सार्क, ब्रिक्स) की संरचना, कार्य और भारत के साथ उनके संबंध।
यह खंड समसामयिक घटनाओं के साथ भी काफी जुड़ा होता है। सामाजिक और आर्थिक न्याय से जुड़े विभिन्न पहलों और चुनौतियों पर ध्यान देना चाहिए।
छवि सुझाव: भारत के नक्शे पर प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों या भौगोलिक विशेषताओं को दर्शाने वाली एक इन्फोग्राफिक।
पेपर 2 (CSAT) – सामान्य अध्ययन पेपर 2 (GS 2)
सिविल सेवा योग्यता परीक्षा (CSAT) प्रकृति में क्वालिफाइंग होती है। इसमें कम से कम 33% अंक अनिवार्य हैं ताकि उम्मीदवार आगे की मुख्य परीक्षा में बैठ सकें। यह पेपर उम्मीदवार की योग्यता और सामान्य मानसिक क्षमता का परीक्षण करता है। इसका उद्देश्य समस्या-समाधान, निर्णय लेने और बुनियादी संख्यात्मक कौशल का आकलन करना है।
सीएसएटी में निम्नलिखित प्रमुख खंड शामिल हैं:
- समझदारी और तार्किक विश्लेषण (Comprehension and Logical Reasoning):
- समझदारी (Comprehension): दिए गए गद्यांशों को पढ़ना, समझना और उन पर आधारित प्रश्नों के उत्तर देना। यह उम्मीदवारों की पढ़ने की क्षमता और अर्थ निकालने के कौशल का परीक्षण करता है।
- तार्किक विश्लेषण (Logical Reasoning): इसमें कथन-निष्कर्ष, कारण-प्रभाव, क्रम निर्धारण (sequencing), और पैटर्न पहचानने जैसे प्रश्न शामिल होते हैं। ये प्रश्न आपकी तार्किक सोच और समस्या-समाधान क्षमताओं का आकलन करते हैं।
- अंग्रेज़ी और हिंदी भाषा की समझ (English and Hindi Language Comprehension):
- यह खंड बुनियादी भाषा योग्यता का परीक्षण करता है, जिसमें गद्यांशों को समझने और उनका विश्लेषण करने की क्षमता शामिल है। इसमें अक्सर व्याकरण, शब्दावली और वाक्य संरचना से संबंधित प्रश्न भी परोक्ष रूप से शामिल होते हैं।
- संख्यात्मक योग्यता (Numerical Ability):
- इसमें अंकगणित के बुनियादी कॉन्सेप्ट्स, सांख्यिकी के सामान्य नियम और डेटा व्याख्या (Data Interpretation) शामिल है।
- अंकगणित: संख्या प्रणाली, प्रतिशत, लाभ-हानि, अनुपात और समानुपात, औसत, समय और कार्य, चाल, समय और दूरी आदि।
- सांख्यिकी: माध्य, माध्यिका, बहुलक, प्रायिकता के बुनियादी सिद्धांत।
- डेटा व्याख्या: सारणी, ग्राफ, पाई चार्ट और बार चार्ट पर आधारित जानकारी का विश्लेषण करना।
- इसमें अंकगणित के बुनियादी कॉन्सेप्ट्स, सांख्यिकी के सामान्य नियम और डेटा व्याख्या (Data Interpretation) शामिल है।
- सामान्य मानसिक योग्यता और क्षमता (General Mental Ability and Aptitude):
- इस खंड में समस्या समाधान (problem-solving), निर्णय लेने की क्षमता (decision-making), विश्लेषणात्मक क्षमता, और सामान्य बौद्धिक योग्यता से संबंधित प्रश्न शामिल होते हैं। ये प्रश्न उम्मीदवारों की विभिन्न परिस्थितियों में सही और प्रभावी निर्णय लेने की क्षमता का परीक्षण करते हैं।
यह पेपर क्वालिफाइंग प्रकृति का है, लेकिन इसकी अनदेखी नहीं की जानी चाहिए। कई उम्मीदवार इसमें अपेक्षित 33% अंक प्राप्त करने में संघर्ष करते हैं। नियमित अभ्यास और बुनियादी अवधारणाओं की स्पष्टता इस पेपर को पास करने के लिए महत्वपूर्ण है।
यूपीएससी प्रीलिम्स 2025 की तैयारी के लिए अतिरिक्त जानकारी और टिप्स
यूपीएससी सीएसई प्रीलिम्स का मुख्य उद्देश्य उम्मीदवार की विचारशीलता, विश्लेषणात्मक क्षमता और बुनियादी अधिगम स्तर को परखना है। यह केवल तथ्यों को याद रखने की परीक्षा नहीं है, बल्कि यह समझने की परीक्षा है कि आप उन तथ्यों को कैसे जोड़ते हैं और उनका विश्लेषण करते हैं।
उम्मीदवार के लिए जरूरी है कि वे दोनों पेपरों की तैयारी के लिए पूरी सिलेबस की बारीकी से जानकारी रखें। साथ ही, परीक्षा की दृष्टि से समसामयिक घटनाओं पर विशेष ध्यान दें। समसामयिकी लगभग हर विषय से जुड़ी होती है, चाहे वह इतिहास हो, भूगोल हो, राजव्यवस्था हो या अर्थव्यवस्था। अपनी तैयारी को एक व्यापक दृष्टिकोण दें।
- सिलेबस को समझें: सिर्फ रटना नहीं, बल्कि प्रत्येक विषय के पीछे की अवधारणाओं को समझना महत्वपूर्ण है।
- पिछली वर्ष के प्रश्नपत्र: पिछले 5-10 वर्षों के प्रश्नपत्रों का विश्लेषण करें। यह आपको परीक्षा पैटर्न, महत्वपूर्ण विषयों और प्रश्न पूछने के तरीके को समझने में मदद करेगा।
- समसामयिक घटनाओं पर पकड़: नियमित रूप से समाचार पत्र पढ़ें, महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं पर नोट्स बनाएं। विभिन्न सरकारी वेबसाइटों और विश्वसनीय समाचार स्रोतों का पालन करें।
- बुनियादी पुस्तकों का अध्ययन: एनसीईआरटी की पुस्तकें भारतीय इतिहास, भूगोल, राजनीति और अर्थशास्त्र जैसे विषयों के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करती हैं।
- मॉक टेस्ट: नियमित रूप से मॉक टेस्ट देना आपकी गति और सटीकता में सुधार करेगा। इससे आपको अपनी कमजोरियों को पहचानने और उन पर काम करने में मदद मिलेगी।
- पुनरावृति (Revision): जो भी पढ़ें, उसका नियमित रूप से पुनरावृति करें। यह जानकारी को लंबे समय तक याद रखने में सहायक होता है।
याद रखें, यूपीएससी की तैयारी एक मैराथन है, स्प्रिंट नहीं। निरंतरता और धैर्य सफलता की कुंजी है। अपनी तैयारी को एक यात्रा की तरह देखें, जिसमें हर दिन कुछ नया सीखने और बेहतर बनने का अवसर मिलता है।
यह ध्यान रखना भी महत्वपूर्ण है कि मुख्य परीक्षा के लिए सिलेबस में 9 पेपर शामिल होते हैं। इनमें भाषा पेपर क्वालिफाइंग होते हैं और शेष पेपरों में गहन विषय की समझ का परीक्षण होता है। प्रारंभिक परीक्षा केवल पहला चरण है, लेकिन यह सबसे महत्वपूर्ण भी है क्योंकि इसके बिना आप मुख्य परीक्षा तक नहीं पहुंच सकते।
छवि सुझाव: यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे एक छात्र की तस्वीर, जिसमें वह किताबें और लैपटॉप इस्तेमाल कर रहा हो।
डाउनलोड और आधिकारिक स्रोत
यूपीएससी अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर हिंदी में सिलेबस PDF जारी करता है। उम्मीदवार इसे सीधे डाउनलोड कर सकते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि आपके पास सबसे सटीक और अद्यतन जानकारी हो।
इसके अतिरिक्त, विभिन्न कोचिंग संस्थान और शिक्षा पोर्टल्स जैसे StudyIQ, Careers360, तथा Vajiram & Ravi पर भी हिंदी में विस्तृत सिलेबस उपलब्ध है। ये स्रोत अक्सर सिलेबस को और अधिक विस्तृत रूप से समझाते हैं और तैयारी के लिए उपयोगी सामग्री प्रदान करते हैं। आप आधिकारिक StudyIQ वेबसाइट पर विस्तृत जानकारी पा सकते हैं। Careers360 हिंदी UPSC सिलेबस भी एक अच्छा संदर्भ है। आप पीडब्ल्यू लाइव जैसे पोर्टल्स पर भी आधिकारिक वेबसाइट पर हिंदी में सिलेबस PDF से संबंधित जानकारी और विश्लेषण देख सकते हैं।
हमेशा यह सलाह दी जाती है कि आप आधिकारिक यूपीएससी वेबसाइट पर दिए गए नवीनतम पाठ्यक्रम अधिसूचना की जांच करें, ताकि आपको सबसे सटीक जानकारी मिल सके।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1: यूपीएससी प्रीलिम्स 2025 सिलेबस हिंदी में क्यों समझना महत्वपूर्ण है?
Ans: यूपीएससी प्रीलिम्स 2025 सिलेबस हिंदी में समझना हिंदी माध्यम के उम्मीदवारों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह उन्हें परीक्षा के दायरे, विषयों और अपेक्षित ज्ञान का स्पष्ट दृष्टिकोण देता है। पाठ्यक्रम की स्पष्ट समझ प्रभावी रणनीति बनाने और सही अध्ययन सामग्री चुनने में मदद करती है, जिससे तैयारी अधिक केंद्रित और कुशल बनती है।
Q2: यूपीएससी प्रीलिम्स में कितने पेपर होते हैं और वे क्या हैं?
Ans: यूपीएससी प्रीलिम्स परीक्षा में दो पेपर होते हैं। पहला पेपर सामान्य अध्ययन पेपर 1 (GS 1) है, जो सामान्य ज्ञान और समसामयिक घटनाओं पर केंद्रित होता है। दूसरा पेपर सामान्य अध्ययन पेपर 2 (GS 2) है, जिसे सिविल सेवा योग्यता परीक्षा (CSAT) भी कहते हैं। यह पेपर योग्यता और मानसिक क्षमताओं का परीक्षण करता है और प्रकृति में क्वालिफाइंग होता है।
Q3: CSAT पेपर क्वालिफाइंग होने का क्या मतलब है?
Ans: CSAT पेपर क्वालिफाइंग होने का मतलब है कि आपको इस पेपर में न्यूनतम 33% अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। यदि आप CSAT में 33% से कम अंक प्राप्त करते हैं, तो आपके GS 1 पेपर का मूल्यांकन नहीं किया जाएगा, भले ही उसमें आपके कितने भी अच्छे अंक क्यों न हों। इसलिए, CSAT को हल्के में नहीं लेना चाहिए और इसकी उचित तैयारी करनी चाहिए।
Q4: यूपीएससी प्रीलिम्स 2025 की तैयारी के लिए समसामयिक घटनाओं का क्या महत्व है?
Ans: समसामयिक घटनाएं यूपीएससी प्रीलिम्स 2025 की तैयारी का एक अभिन्न अंग हैं। यह सीधे तौर पर एक विषय है और अन्य विषयों जैसे इतिहास, भूगोल, राजव्यवस्था, अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और सामाजिक न्याय से भी जुड़ा होता है। समसामयिक घटनाओं की गहरी समझ उम्मीदवारों को विभिन्न मुद्दों को व्यापक परिप्रेक्ष्य में समझने और विश्लेषणात्मक प्रश्नों का उत्तर देने में मदद करती है।
Q5: मैं यूपीएससी प्रीलिम्स 2025 के लिए आधिकारिक सिलेबस कहां से डाउनलोड कर सकता हूं?
Ans: आप यूपीएससी प्रीलिम्स 2025 के लिए आधिकारिक सिलेबस को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की वेबसाइट से सीधे डाउनलोड कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, StudyIQ, Careers360, और Vajiram & Ravi जैसे विभिन्न शिक्षा पोर्टल्स पर भी हिंदी में विस्तृत सिलेबस PDF उपलब्ध है, जो तैयारी के लिए उपयोगी हो सकता है।
निष्कर्ष
यूपीएससी प्रीलिम्स 2025 की तैयारी एक व्यवस्थित और समर्पित दृष्टिकोण की मांग करती है। इस लेख में उल्लिखित विस्तृत पाठ्यक्रम हिंदी माध्यम के छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शक है। सामान्य अध्ययन पेपर 1 के सभी विषयों – इतिहास, भूगोल, राजनीति, अर्थव्यवस्था, पर्यावरण, समसामयिकी, संस्कृति, सामाजिक न्याय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों – को गहराई से समझना आवश्यक है। वहीं, CSAT पेपर में योग्यता प्राप्त करने के लिए तार्किक विश्लेषण, समझदारी, संख्यात्मक योग्यता और मानसिक क्षमता पर ध्यान देना होगा। अपनी तैयारी को सही दिशा देने के लिए, पाठ्यक्रम को पूरी तरह से समझें, पुराने प्रश्नपत्रों का अभ्यास करें, और समसामयिक घटनाओं से अपडेट रहें। शुभकामनाएँ!